16वां इंटरनेशनल वी केयर फिल्म फेस्टिवल, जो सिनेमा के माध्यम से दिव्यांगजनों के मुद्दों को समझने और समझाने का एक प्रमुख मंच है, शुक्रवार को एपीजे द्वारका कैंपस में दो दिनों के कार्यक्रम के बाद सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
एपीजे इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (AIMC) और एपीजे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (ASM) ने इसे ब्रदरहुड (Brotherhood) के सहयोग से आयोजित किया। यह उत्सव संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के समर्थन से आयोजित किया गया।
इसका उद्देश्य युवा मीडिया छात्रों में दिव्यांगता, सम्मान और समावेशन से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
कार्यक्रम में श्री सुनीत टंडन, पूर्व निदेशक, इंडिया हैबिटैट सेंटर, और प्रसिद्ध न्यूज़ एंकर श्री श्वधन त्रिवेदी ने अपनी उपस्थिति से छात्रों का उत्साह बढ़ाया। दोनों अतिथियों ने अपने संबोधन में कहा कि मीडिया समाज में बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम है और जिम्मेदार पत्रकारिता से लोगों की सोच को दिशा मिलती है।
उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि दिव्यांगता को केवल सहानुभूति से नहीं, बल्कि सम्मान और बराबरी के रूप में देखें।
मोटिवेशनल स्पीकर सुश्री करिश्मा लांबा ने भी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अलग-अलग क्षमताओं को समझना और स्वीकार करना हर मीडिया पेशेवर के लिए आवश्यक है। उन्होंने भावनात्मक समझ को एक महत्वपूर्ण कौशल बताया।
फेस्टिवल में भारत और दुनिया भर की चर्चित फिल्मों जैसे Here (ईरान), Fish and I (ईरान), Butterfly circus (अमेरिका), गूँगा पहलवान (भारत) और कई अन्य शॉर्ट फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
इन फिल्मों ने दर्शकों को दिव्यांगजनों के जीवन, संघर्ष और साहस से जुड़ी प्रेरणादायक कहानियों से रूबरू कराया।
दिव्यांग बच्चों के समूह आशीष फाउंडेशन की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और देवांश चंद्रा के गीत ने दर्शकों को भावुक किया और खूब सराहना पाई। पहले दिन लगी फोटोग्राफी और पेंटिंग प्रदर्शनी में छात्रों ने समावेशिता को अपने दृष्टिकोण से बहुत सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया।
ब्रदरहुड (Brotherhood) के निदेशक और संस्थापक श्री सतीश कपूर ने कहा,
“वी केयर फेस्टिवल को हमने एक ऐसे मंच के रूप में शुरू किया था, जहां फिल्में समाज में स्वीकृति, समानता और सम्मान का संदेश दें। यह देखकर खुशी होती है कि छात्र इन कहानियों से बहुत कुछ सीखते हैं।”
AIMC के निदेशक प्रो. सजल मुखर्जी और सलाहकार प्रो. अशोक ओगरा ने भी कहा कि यह उत्सव छात्रों को संवेदनशील और जागरूक मीडिया पेशेवर बनने में मदद करता है तथा उन्हें वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान करता है।
उत्सव का समापन सम्मान समारोह के साथ हुआ, जिसमें फोटोग्राफी और पेंटिंग प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया और फिल्म निर्माताओं, स्वयंसेवकों तथा कलाकारों के योगदान की सराहना की गई।
दो दिनों का यह आयोजन छात्रों के लिए सीख, संवेदना और सकारात्मक प्रेरणा से भरपूर रहा, जिससे वे भविष्य में समाज को अधिक समावेशी बनाने में भूमिका निभा सकेंगे।

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